Soyabean Price : सोयाबीन के भाव पहुंचे 5000 के करीब, जाने आज के सोयाबीन के मंडी भाव

Soyabean Price Tooday : भारतीय कृषि क्षेत्र में सोयाबीन किसानों के लिए अच्छी खबर है। सोयाबीन के बाजार मूल्य में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और केंद्र सरकार द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णयों के कारण भविष्य में इस फसल की कीमत में वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय खाद्य तेल आयात पर शुल्क में बढ़ोतरी है, जिससे घरेलू प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा मिला है।
सोयाबीन की कीमतों में अचानक बड़ा बदलाव
वर्तमान स्थिति एवं चुनौतियाँ
इंदौर के ब्रिलियंट कन्वर्सेशन सेंटर में आयोजित सोयाबीन कार्यशाला में डाॅ. डेविस जैन के मुताबिक चालू सीजन के दौरान देश में करीब 225 लाख टन खाद्य तेल आयात होने की संभावना है. खाद्य तेल की मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर एक बड़ी चिंता का विषय है। वर्तमान में, भारत खाद्य तेल के आयात पर सालाना लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ पड़ता है।
सरकार के कदम और नीतिगत निर्णय
इस स्थिति पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं:
- राष्ट्रीय तेल मिशन की घोषणा कर घरेलू स्तर पर तिलहनी फसलों की खेती को बढ़ावा देना
- खाद्य तेल के आयात पर शुल्क में 20% की बढ़ोतरी
- 2030-31 तक तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 697 लाख टन निर्धारित
इन फैसलों से देश के तेल उत्पादन क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिलेगा और 2030-31 तक देश की 72% तिलहन जरूरत को स्वदेशी उत्पादन से पूरा करना संभव हो सकेगा।
रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण वैश्विक खाद्य तेल बाजार में बड़े बदलाव हुए हैं:
- यूक्रेन और रूस में सूरजमुखी उत्पादन में 15-20 लाख टन की गिरावट
- भारत की आयात नीति में बदलाव: पहले यूक्रेन से 70% और रूस से 30%, अब यूक्रेन से 30% और रूस से 70% आयात Soyabean Price
- तुर्की की नई भूमिका: वैश्विक सूरजमुखी तेल का आयात करना और ईरान को रिफाइंड तेल का निर्यात करना
भारत में नवंबर महीने में खाद्य तेल का आयात बढ़ने की संभावना है, हर महीने करीब 18 लाख टन खाद्य तेल आयात होने की उम्मीद है. चूंकि सूरजमुखी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहने की संभावना है, इसलिए सोयाबीन की अंतरराष्ट्रीय कीमत भी बढ़ने की उम्मीद है।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दे
- सरकारी गारंटी खरीद का महत्व:
- नियमित खरीद के मामले में, दर गारंटीकृत मूल्य से अधिक हो सकती है
- सरकारी खरीद घटी तो दाम गिरने का खतरा
- प्रक्रिया उद्योग का लाभ:
- आयात शुल्क में 20 फीसदी की बढ़ोतरी प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए फायदेमंद
- किसानों को बेहतर कीमत दिलाने में मदद करें
केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदम निश्चित रूप से देश के खाद्य तेल क्षेत्र के लिए फायदेमंद होने वाले हैं। राष्ट्रीय तेल मिशन के माध्यम से घरेलू तिलहन उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। इससे एक तरफ विदेशी मुद्रा की बचत होगी और दूसरी तरफ किसानों को उनकी उपज का उचित मुआवजा मिलेगा।
सोयाबीन किसानों को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए और उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए. साथ ही, सरकार को भी नियमित रूप से गारंटीकृत मूल्य पर खरीद जारी रखकर किसानों का समर्थन करना चाहिए, ताकि मूल्य अस्थिरता से बचा जा सके और किसानों के हितों की रक्षा की जा सके।